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बिहार भूमि सर्वेक्षण से सम्बन्धित सभी जानकारियां

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बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है. यह सर्वेक्षण बिहार सरकार द्वारा समस्त भूमि का डिजिटाइजेशन करने के लिए किया जा रहा है. भूमि सर्वेक्षण के लिए आवश्यक दस्तावेज स्वघोषणा का प्रपत्र -2 रैयत (जमीन के मालिक) या रैयत के वंशज द्वारा धारित भूमि को भर कर अपने अंचल के शिविर में जमा कर सकते है. अभी सरकार की तरफ से कागजात जमा करने के लिए किसी प्रकार की अंतिम तिथि जारी नहीं की गई है.

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जमीन सर्वे के फार्म को भरने से पहले अपनी जमीन का रिकॉर्ड जैसे खतियान, कबाला, बंदोबस्ती रसीद एक फाइल में रखना होगा. इन फॉर्म्स में जमीन से सम्बंधित सभी जानकारी, रैयत (जमीन मालिक) का नाम, उनका अंश, पिता का नाम, खाता, खेसरा, रकबा, जमीन का प्रकार, और जमीन प्राप्त होने का माध्यम इत्यादि के बारे में त्रुटिरहित भरना होगा. सर्वे के लिए आवेदन करने वालों को कुछ कागजात अपने पास रखना जरूरी होगा, जिसमें पासपोर्ट साइज फोटो, जमीन की रसीद, स्वघोषणा पत्र, आधार कार्ड, जमीन का रकबा, जमीन की चौहद्दी , खेसरा की सम्पूर्ण जानकारी, खतियान की कॉपी (यदि भू-लगान नहीं जमा हो रहा हो तो) , मालगुजारी (भू-लगान) रसीद की प्रति, न्यायालय के आदेश की फोटोकॉपी (यदि लागू हो), अधिकार पत्र (यदि लागू हो).

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बिहार जमीन सर्वे फॉर्म 2024 महज दो पन्ने का है. इसी दो पन्ने को भरना होगा. आवेदन करने वाले को सभी जरूरी जानकारी, अपनी जमीन की जानकारी और विवरण और सारे कागजात अपलोड करने होंगे. जमीन के दस्तावेजों के आधार पर स्व घोषणा प्रपत्र-2 और वंशावली प्रपत्र-3 (1) फॉर्म को ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनों माध्यमों से जमा किया जा सकता है.

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जमीन सर्वेक्षण से संबंधित जुड़े कई सवालों का यहाँ पर जवाब दिया गया है. उम्मीद है कि आपको अपने कई सवालों के जवाब यहाँ पर मिल जायेंगे.

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प्रश्न – भूमि सर्वेक्षण के लिए वंशावली कैसे बनाएं?
उत्तर – भूमि सर्वेक्षण के लिए एक सादे पन्ने पर रैयत (जमीन के मालिक) का नाम और उसके नीचे उनके सभी पुत्र व पुत्रियों के नाम क्रम से लिखें व हस्ताक्षर कर के कैंप में जमा करें. इसे किसी से सत्यापित करवाने की आवश्यकता नहीं है.
प्रश्न – क्या वंशावली में सभी पुत्र – पुत्रियों के नाम देना आवश्यक है?
उत्तर – हाँ, वंशावली जमा करने के बाद बंदोबस्ती विभाग द्वारा इसकी जांच की जाएगी. अगर वंशावली में किसी प्रकार की अधूरी जानकारी पाई गई तो कानूनी समस्या आ जाएगी.
प्रश्न – अगर भूमि दादा के नाम पर है तो वंशावली में किन किन का नाम देना होगा?

उत्तर – अगर भूमि दादा के नाम पर ही है, तो वंशावली में दादा के सभी बेटे-बेटी, फिर सभी बेटे-बेटियों के बेटे-बेटियों के नाम भी देने होंगे.

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प्रश्न – यदि कोई जमीन दान में मिली है तो सर्वे कैसे करवाएं?
उत्तर – दान की जमीन वह जमीन है जिसे किसी ने दान में दी है. दान की गई जमीन पर दाता का कोई अधिकार नहीं रहता. दान पाने वाले का पूरा अधिकार होता है. दान की गई जमीन को बेचने पर सरकार सख्त है. अगर किसी जमीन का स्टांप पेपर पर बदलैन किया गया है, तो वह दस्तावेज़ जमीन सर्वे में मान्य नहीं होता. ऐसे में, रैयत को जमीन की रजिस्ट्री करवानी होगी. अपनी प्रॉपर्टी वही व्यक्ति दान कर सकता है जिसके नाम से संपत्ति हो. उसी प्रॉपर्टी को दान कर सकते हैं जिस पर कोई कब्जा न हो. अगला नियम यह है कि जिस प्रॉपर्टी के ओनरशिप में जिसका नाम रजिस्टर्ड हो, वही व्यक्ति उसे दान कर सकता है. यह भी देखा जाता है कि दान करने वाला व्यक्ति स्वस्थ दिमाग का हो. यानी किसी दिमागी अस्थिरता या पागलपन का शिकार न हो. ऐसा व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी दान करे तो उसे कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है.
दान की भूमि है, तो दस्तावेज की छायाप्रति जमा कर सकते हैं.

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